जीवन के मधुर पल वही हो जिसमे कोई अपना कहलाने लायक हो।
कभी तो समय मधुर याद में खोया हुआ ,कभी गम से भरा हुआ
जीवन की मधुरता के पल की खोज में सिर्फ़ गम ही हाथ लगते हे
ऐसा क्या हे की स्वार्थ में अपने भी पराये हो जाते हे ।
कोई सम्बन्ध तो निस्वार्थ होगा .वही निस्वार्थ अपनेपन की खोज में ...............
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