Monday 22 September, 2008

सम्बन्ध


जीवन के मधुर पल वही हो जिसमे कोई अपना कहलाने लायक हो।

कभी तो समय मधुर याद में खोया हुआ ,कभी गम से भरा हुआ

जीवन की मधुरता के पल की खोज में सिर्फ़ गम ही हाथ लगते हे

ऐसा क्या हे की स्वार्थ में अपने भी पराये हो जाते हे ।

कोई सम्बन्ध तो निस्वार्थ होगा .वही निस्वार्थ अपनेपन की खोज में ...............

Saturday 20 September, 2008

RAJENDER DAVE: आतंकवाद

RAJENDER DAVE: आतंकवाद

आतंकवाद

यह आतंकवाद इस दुनिया में क्या करना चाहता हे ?
क्या हिंदू क्या मुस्लमान कल इस्लामाबाद में जो हुआ वह
दरिंदगी की पराकाष्ठा नही हे.आतंकी का जब भी नाम आता हे तो वह मुस्लिम होता हे।
इस्लाम के इन पाक दिनों में क्या यह सब ठीक हे मेरे जानकारी में तो "रमजान"का महिना तो
सिर्फ़ खुदा की इबादत का हे ऐसा मेरे मुस्लिम दोस्त कहते हेई,क्या यह इबादत हे ,उन दरिंदो
के मन में क्या खुदा का डर नही .एक तरफ़ तो कहते हें की हम इस्लाम को बचाना चाहते हें
दिन पैर दिन न्यूज़ में दुनिया में किसी न किसी आतंकी घटना का जिक्र सुनने को मिलता हें
दुनिया में अमन चैन का कोई तो रास्ता होगा ।

Tuesday 2 September, 2008

जीवन का सफ़र


जीवन एक मधुर अहसास
कितना कोमल , कितना नाजुक ,
जो किसी के भी दर्द से दुखी हो उठे ,
जो किसी पराये के सुख दुःख में कम आ सके,
जो किसी भी बात पैर हर्षित होना चाहे
जो मन किसी खुशी के पल को तलाशता रहे,
किसी मधुर पल की राह देखता रहे
किसी पराये को अपना बनाने को देखता रहे।

" पप्पू ".