जीवन के मधुर पल, याद रखे जाते हे।
उन पलों को कंही कैमरे में ,कैद किए जाते हे।
तो कंही सफ़ेद पन्नो पर , उकेरा जाता हे।
कभी याद आने पर, उनको देखकर या ,पढकर याद किया हो।
किंतु कोई भी मधुर पल,खुशी कम टीस ज्याद्दा देते हे।
कोई भी याद सिर्फ़ दर्द दे सकती हे,सुकून नही दे सकती हे।
किसी भी मधुर याद का साथ छूट जाए तो भूल जाना हे ,
Wednesday 14 January, 2009
नही दीखता हे ,लेकिन होता हे
Friday 9 January, 2009
चुटकुले
१
गर्ल फ्रेंड
वही जो टोक टोक कर दो साल में आपकी आदत बदल दे
ओर दो साल बाद कहे .............
तुम अब पहले जैसे नही रहे.
२.
पेट्रोल पम्प
पत्नी.चलो आज किसी महेंगी जगह चलते हे '
पति। चलो \
पत्नी। लेकिन कंहा
पति, पेट्रोल पम्प।
चपल
लड़की को सामने से आता देखकर लड़का सिटी बजता हे
तमतमाकर लड़की ने कहा - चपल निकालू क्या।
लड़का- मेरा दिल कोई मन्दिर नही हे
आप तो चपल पहेनकर भी आ सकती हे.|
Thursday 8 January, 2009
ॐ साईं नाथ ,
इस समय जो देश की व्यवस्था को न जाने किसकी नज़र लगी हे /
मानव जीने के लिए जो भी प्रयत्न करता हे उसमे जो तकलीफे सामना /
करना पड़ती हे उसका कोई भी हल नही निकल पा रहा हे।
क्या ऐसा लगता हे की जो राजनितिक माहोल हे वह आम आदमी के
मतलब का नही हे /हम जिस व्यक्ति के हाथ में देश की बागडोर थमा देते हे /
वह क्या अपने मतलब के लिए कितने प्रपंच करता हे कल की न्यूज़ की प्रमुख खबर थी
की लखनऊ से "श्री संजय दत्त" को लोकसभा का दावेदार "समाजवादी "पार्टी बना रही हे /
क्या आम आदमी से उसको लागाव हो सकता हे .वह या तो अपने कोर्ट के फैसले को अपने पक्ष में/
करने के लिए "राजनितिक" रसूख बनाना चाहते होंगे .ऐसा इस कारन से लगता हे जिसने आज तक कभी
जनता के लिए ऐसा कुच्छ भी नही किया जो आम व्यक्ति के फायदे का हो।
ऐसा मेरा विचार हे ।
इस समय जो देश की व्यवस्था को न जाने किसकी नज़र लगी हे /
मानव जीने के लिए जो भी प्रयत्न करता हे उसमे जो तकलीफे सामना /
करना पड़ती हे उसका कोई भी हल नही निकल पा रहा हे।
क्या ऐसा लगता हे की जो राजनितिक माहोल हे वह आम आदमी के
मतलब का नही हे /हम जिस व्यक्ति के हाथ में देश की बागडोर थमा देते हे /
वह क्या अपने मतलब के लिए कितने प्रपंच करता हे कल की न्यूज़ की प्रमुख खबर थी
की लखनऊ से "श्री संजय दत्त" को लोकसभा का दावेदार "समाजवादी "पार्टी बना रही हे /
क्या आम आदमी से उसको लागाव हो सकता हे .वह या तो अपने कोर्ट के फैसले को अपने पक्ष में/
करने के लिए "राजनितिक" रसूख बनाना चाहते होंगे .ऐसा इस कारन से लगता हे जिसने आज तक कभी
जनता के लिए ऐसा कुच्छ भी नही किया जो आम व्यक्ति के फायदे का हो।
ऐसा मेरा विचार हे ।
Subscribe to:
Posts (Atom)