Monday, 22 September 2008
Saturday, 20 September 2008
आतंकवाद
यह आतंकवाद इस दुनिया में क्या करना चाहता हे ?
क्या हिंदू क्या मुस्लमान कल इस्लामाबाद में जो हुआ वह
दरिंदगी की पराकाष्ठा नही हे.आतंकी का जब भी नाम आता हे तो वह मुस्लिम होता हे।
इस्लाम के इन पाक दिनों में क्या यह सब ठीक हे मेरे जानकारी में तो "रमजान"का महिना तो
सिर्फ़ खुदा की इबादत का हे ऐसा मेरे मुस्लिम दोस्त कहते हेई,क्या यह इबादत हे ,उन दरिंदो
के मन में क्या खुदा का डर नही .एक तरफ़ तो कहते हें की हम इस्लाम को बचाना चाहते हें
दिन पैर दिन न्यूज़ में दुनिया में किसी न किसी आतंकी घटना का जिक्र सुनने को मिलता हें
दुनिया में अमन चैन का कोई तो रास्ता होगा ।
क्या हिंदू क्या मुस्लमान कल इस्लामाबाद में जो हुआ वह
दरिंदगी की पराकाष्ठा नही हे.आतंकी का जब भी नाम आता हे तो वह मुस्लिम होता हे।
इस्लाम के इन पाक दिनों में क्या यह सब ठीक हे मेरे जानकारी में तो "रमजान"का महिना तो
सिर्फ़ खुदा की इबादत का हे ऐसा मेरे मुस्लिम दोस्त कहते हेई,क्या यह इबादत हे ,उन दरिंदो
के मन में क्या खुदा का डर नही .एक तरफ़ तो कहते हें की हम इस्लाम को बचाना चाहते हें
दिन पैर दिन न्यूज़ में दुनिया में किसी न किसी आतंकी घटना का जिक्र सुनने को मिलता हें
दुनिया में अमन चैन का कोई तो रास्ता होगा ।
Wednesday, 3 September 2008
Tuesday, 2 September 2008
जीवन का सफ़र
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